“पैगामे पत्ता (Letter By Leaf)”
(Hindi Poetry)
“हवा में पत्ते की तरह बह जायेगी जिंदगी कब किसी झाड़ू ने रहम किया है “तूराज़” ढेर लगा कर, फूंक दी जायेगी जिंदगी”
मेरे इस हालत पर
विचार न कर
अपने हालात पर थोड़ा
ख़याल तो कर
जाग ! वक़्त की पुकार को सुन
ऊपर उठा ख़याल को
लड़ आँधियों से
बचा वज़ूद अपना
टहनी टूट भी जाये हर्ज़ नहीं
कर फिक्र इतनी कि
जड़ टूटे नहीं
एक वक्त आएगा ही
तू मान या न मान
मैं गिरा हूँ
सूख कर जिस तरह
आज दम नहीं
इतना भी
कि सह सकूँ
हौले से झोंके
मैं दर-बदर ठोकर सा खाता
मान ! ए तूराज़
तू पकड़कर रख
ये फरमान
जब तू भी गिर जाएगा
धरती पर मेरी तरह
पर तेरी आँख उठी होगी
आसमान पर
न होगा होश
तुझे जमीं का
मेरी तरह इस
जिल्लत भरी
झाड़ू की ठोकर का
न इच्छाओं की चीटियाँ काटेंगी
तुझे कब्र में
गिर कर भी तू चूमेगा आसमान
~ तूराज़