Learning from life, being aware of what life is teaching every moment.
“मौत का डर (Fear Of Death)”
(Hindi Poetry)
मुश्किलों का दौर
भी है अगर
तो भी
गुजर तो जाएगा हीगर कोसने की ही
आदत हो
तो बड़े जख्म
दे जाएगा ही
भी है अगर
तो भी
गुजर तो जाएगा हीगर कोसने की ही
आदत हो
तो बड़े जख्म
दे जाएगा ही
सीखने की आग
और चाहत जिंदगी की
हो अगर
तो हर दौर
कुछ सिखाकर जाएगा ही
न देख बाहर
सवाल कर अपने से
क्या कसूर है तेरा?
गर हाँ मिले जबाब
तो तौबा कर
न मिले जबाब
तो क्या कसूर तेरा
वक़्त के पन्ने
पलटते ही हैं
तू देखता जा
जिंदगी कुछ सिखाएगी ही
तू सीखता जा
छोटा बन,
अकड़ छोड़ ” तूराज़ ”
बच्चे की तरह
देखता भी जा
सीखता भी जा।
~ तूराज़