तुराज़ की शायरी -11 “Turaaz ki Shayari” (Hindi Poem)

तुराज़ की शायरी -11 “Turaaz ki Shayari” (Hindi Poem)

तुराज़ की शायरी -11

“Turaaz ki Shayari”

(Hindi Poetry)

 

कुछ थोड़े ही था
बस, बातों बातों में
एक बात बन गई

वह भी बातों बातों में
बात करने लगे
हम भी बातों बातों में
बात करने लगे

कुछ थोड़े ही था
बस बातों बातों में
दिल की बात
दिल से हो गई…

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"प्रेम" मुक्त-आकाश में उड़ती सुगंध की तरह होता है उसे किसी चार-दिवारी में कैद नहीं किया जा सकता। ~ तुराज़