गर्भ कहां है जीवन का “Where is the Womb of Being” (Hindi Poetry) चूहेदानी चूहे के पीछे कब भागी है चूहा ही आता है, बेचारा फंस जाता है दुख ...
पश्चाताप व स्वीकार भाव “Remorse & Acceptance” (Motivational Thoughts) बुद्ध हमें अपने दिनों के एक उदाहरण से समझाते हुए कहते हैं एक व्यक्ति ने काले कपड़े पहने हुए ...
दृढ़ निश्चय “Determination” (Hindi Poetry) निष्काम रह सकूं कर सकूं पूजा अर्चना सम्मान कर सकूं सभी का इतनी समझ, शुद्धि और बुद्धि दे…. मैं विकसित हो सकूं ...
बुद्ध नहीं हूं मैं “I am not Buddha” (Hindi Poetry) शब्द हूं निशब्द गंतव्य है मेरा मन हूं मन के पार चले जाना है… रोग हूं रोगमुक्त होना ...
परछाई “Shadow” (Hindi Poetry) जीवन के हर सुख दुख में मैंने अपनी परछाई को देखा मैं जब जब भी नाचा हूं खुशी में मैंने उसको भी नाचते देखा…. ...
दिया तले अंधेरा क्यों है? “Darkness under the Lamp” (Hindi Poetry) दिया तले अंधेरा क्यों है? इतना डर इतनी घबराहट सब भरा भरा सा है बाहर अंदर इतना खालीपन क्यों ...
“मैं”को खोजता हूं मैं I am Searching “I” (Hindi Poetry) मेरे मैं की पीढ़ा असहनीय है पर खाज का सा सुख उसका प्रारंभ है जैसे प्रसव की पीढ़ा खो सी ...
वर्तमान में जीने की कला “Live in the present” (Spiritual Motivation) वर्तमान में जीने का अर्थ है होशपूर्वक पल पल जिंदगी को जीना। वैसे तो हमें हमेशा ही यही ...
बुद्ध का मार्ग “The Way of The Buddha” (Motivational Thoughts) बुद्ध कहते हैं संसार में दुख है और यह आर्य सत्य है। दुख का समुदय है कारण है। दुख ...
चिंता क्यों करते हैं? “Why to Worry” (Motivational Thoughts) चिंता क्यों करते हैं? चिंता करने से किसी भी समस्या का समाधान नहीं होता बल्कि मानसिक और शारीरिक समस्याएं पैदा ...