Author: Turaaz

"प्रेम" मुक्त-आकाश में उड़ती सुगंध की तरह होता है उसे किसी चार-दिवारी में कैद नहीं किया जा सकता। ~ तुराज़
पश्चाताप व स्वीकार भाव “Remorse & Acceptance” (Motivational Thoughts)

पश्चाताप व स्वीकार भाव “Remorse & Acceptance” (Motivational Thoughts)

पश्चाताप व स्वीकार भाव “Remorse & Acceptance”   (Motivational Thoughts)   बुद्ध हमें अपने दिनों के एक उदाहरण से समझाते हुए कहते हैं एक व्यक्ति ने काले कपड़े पहने हुए ...
वर्तमान में जीने की कला “Live in the present” (Spiritual Motivation)

वर्तमान में जीने की कला “Live in the present” (Spiritual Motivation)

वर्तमान में जीने की कला “Live in the present” (Spiritual Motivation)   वर्तमान में जीने का अर्थ है होशपूर्वक पल पल जिंदगी को जीना। वैसे तो हमें हमेशा ही यही ...
चिंता क्यों करते हैं? “Why to Worry” (Motivational Thoughts)

चिंता क्यों करते हैं? “Why to Worry” (Motivational Thoughts)

चिंता क्यों करते हैं? “Why to Worry” (Motivational Thoughts)   चिंता क्यों करते हैं? चिंता करने से किसी भी समस्या का समाधान नहीं होता बल्कि मानसिक और शारीरिक समस्याएं पैदा ...